Nidhi Saxena

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खुद के लिए वक्त


विषय : खुद के लिए 


आज अपने लिए जीती हूं 
थोड़ा समय खुद के लिए चुराती हूं 
इतनी व्यस्त है जिन्दगी 
औरों को जिंदा रखने में
आज अपने लिए थोड़ा जीती हूं 

बहुत दिन हुए खुद के साथ समय नही बिताया 
आज थोड़ा समय खुद के साथ बिताती हूं 
कुछ अपने मन की भी सुनती हूं 
दिल का दर्द अपना जानती हूं 
आज तोड़ा खुद के लिए जीती हूं 

एक कप चाय बनाती हूं 
और खुद के साथ चीयर करती हूं 
आज खुद के साथ चाय पीती हूं 
चाय की चुस्कियों के भंवर में को जाति हूं 
आज थोड़ा अपने लिए जीती हूं 

कहां निकल पाती हूं वक्त अपने लिए 
आज वही वक्त निकलती हूं 
सबको रुको का विराम देती हूं 
और खुद के साथ 
एक सफर पर निकलती हूं 
आज थोड़ा सा खुद के लिए जीती हूं 

कहां खो गई मेरी पसंद ना पसंद 
उन सबको आज याद करती हूं
नही पूछेगा कोई मुझसे आकर
मेरी पसंद नापसंद
आज खुद की पसंद पर काम करती हूं 
आज थोड़ा ही सही खुद के लिए जीती हूं 
 
     नीर (निधि सक्सैना)



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3 Comments

Sachin dev

24-Dec-2022 07:09 PM

Superb 👍

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बहुत सुंदर

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